गली के माथे पर लगा गली का नाम हटाया है
और हर सडक की हर दिशा का नाम पोंछ दिया है ..
गर आपने कभी मुझे तलाश करना है ..
तो हर देश के, हर शहर की, हर गली का द्वार खटखटाओ-
यह एक शाप है- एक वर है
और जहां भी स्वतंत्र रूह की झलक पडे
समझना-
वह मेरा घर है
-अमृता प्रीतम
बहोत सुंदर कवीता है।
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